फूलों की कहानी ।

फूलों की कहानी ।
रंग-बिरंगे फूल हैं ये,
नन्हें-मुन्हें कलियों की।
कितने सुंदर,कितने प्यारे,
बागों में लहराते सारे।
प्यारे-प्यारे फूलों को,
हम धागों में है पिरोतें।
कभी मंदिर तो कभी मस्जिद मे,
हम इनको है चढ़ाते।
उगती सूरज के साथ खिलते,
ढलती सूरज के संग मुरक्षाते।
रंग-रूप बदलते ही,
उठा फेकते हैं सारे;जो उनको है चढ़ाते।
फिर अगली सुबह ,उगती हैं एक नई कहानी।
रचयिता – हंसिका गुप्ता
Good Hansika
Very very good poem !! I am amazed. God bless you !!! 👍👍
Awesome
Thank u 🙏🏻
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Thanks🙏🏻🙏🏻
Keep it up Shinaya aka Hansika…
Proud of you 👍🏻 post more 😊
Thank u
Keep it up Shinaya aka Hansika …. Proud of you 👍🏻
Thank u 💐
Very good Hansika ,keep it up 😊🥰