यदि सोचो तो
यदि सोचो तो
यदि सोचो हारोगे, तो हारोगे
यदि सोचो कर नहीं पाओगे, तो कर नहीं पाओगे
यदि सोचो बढ़ नहीं पाओगे, तो बढ़ नहीं पाओगे
यदि सोच से डर जाओगे, तो डर जाओगे।
जब मरना है, तो मरना है,
जो सोच में मरोगे, तो दिन दिन मरोगे
जो करना है, तो करना है,
जो सोचोगे नहीं, तो कर नहीं पाओगे
सोच में है सामर्थ्य जितना, शरीर मे कहाँ है इतना?
जो सोचो सशक्त हो, तो तुम हो
जो सोचो संभव है, तो संभव है
जो सोचो जीतोगे, तो जीतोगे
सोच ने युद्ध जीते और सोच ने ही हारे हैं
सोच से जीती चींटी है और सोच से हाथी हारे हैं
साहस उपजा सोच से और सोच से हिम्मत हारी है
मनुष्य हो, सोचो
कि सोच ही शक्ति तुम्हारी है।
आशीष कुमार त्रिपाठी “अलबेला”