इस पल में…
इस पल में…
कुछ लम्हे हैं खुशबू की तरह
महकाते हैं दिल की गलियां
उन गलियों से उसने ,
बच के निकलना छोड़ दिया ।।
हर पल में खुशी ढूँढ लाता है
अब जीना उसने सीख लिया
अब उसने सिसकना छोड़ दिया़ ।।
एक उम्र एक दौर गुजर ही गया
कुछ आस के पंछी पाले हैं
क्यों न उसे खुल के जी लें हम,
ये पल जो गुजरने वाले हैं
आने वाले कल की
फिक्र में क्या घुलना,
और जो भी बीता
जैसा भी था, वो था तो अपना,
यादों को गले लगा लो तुम
यादों में आखिर क्यों घुटना,
बीते कल के यादों में उसने
डूबना और उबरना छोड़ दिया ।
आने वाले कल को सोचा है क्या
अच्छा! और,
सोचा कुछ होता है क्या?
जो भी करो तुम दिलसे करो
बाकी छोड़ दो ईश्वर पे
ये पल भी कल बन जाएगा
जी लो वरना ढल जाएगा
कल की फिक्र में उसने
हर पल मरना छोड़ दिया ।।
मीनू यतिन
Photo by Matheus Bertelli: https://www.pexels.com/photo/woman-using-umbrella-with-lights-573238/