सहारे की आदत

सहारे की आदत
सहारे की आदत
न डालना,
सहारे साथ छोड़ देते हैं
सीधे एक रौ में बहे तो सही
तूफान जब भी उठे
किनारे साथ छोड़ देते हैं
रात चाँदनी हो तो गगन
में टिमटिमाते हैं
रात अमावस की हो, तो
सितारे साथ छोड़ देते हैं
इधर उधर की बातों की
न तुम परवाह करना
कोई हो न हो साथी
तुम खुद के साथ रहना
अकसर दूसरों को
देख जीने वाले,
खुद का,
साथ छोड़ देते हैं ।
मीनू यतिन
Very true, khud ke saath hamesha rehna chahiye… fir chahe koi ho ya naa ho !!
Thank you
खूबसूरत रचना
Thank you.