तुम बिन
तुम बिन
कोई वजह दी नहीं तुमने कि इंतज़ार रहे
हां !यादों के सिलसिले साल दर साल रहे
इतना आसान न था जिंदगी का सफर
इम्तहान वक्त के सिलसिलेवार रहे ।
भर जाएं तो भी, घाव के निशां दिख ही जाते हैं
दर्द के साए साथ लगातार रहे ।
हौसला तो कई बार साथ छोड़ देता
भरोसा खुदा पे था और पास दोस्त यार रहे ।
अब न कभी हो रूसवा नाम इश्क का
ना कभी दिल किसी याद में बेकरार रहे।
अश्क की तरह आँखो से दूर होना नहीं
फिक्र हो पलकों सी जो हर पल साथ रहे ।
मैं वो दरिया नहीं कि समंदर में खो जाऊं
मैं हूँ वो बूंद जिसकी पपीहे को चाह रहे ।
मीनू यतिन
Very nice 👌👍
Thank you