शुक्रगुज़ार हूँ ऐ साल
शुक्रगुज़ार हूँ ऐ साल
मैं शुक्रगुज़ार हूँ ऐ साल!
कि जी लिया तुझको ।
तू ले के आया जो भी
मेरे लिए,
जी लिया उसको,
वो पल हो खुशी का,
डर, कुछ खोने का
या , कि दूरी का
अनुभवों का पिटारा
दे गया मुझको
मैं शुक्रगुज़ार हूँ ऐ साल
कि जी लिया तुझको।
किसी को सपनों की
डगर पे ले गया
किसी को सफर
का मजा दे गया
किसी दिल के कोने में दुबकी
ख्वाहिशों को हवा दे गया
घूँट घूँट में पी लिया तुझको
मैं शुक्रगुज़ार हूँ ऐ साल
कि जी लिया तुझको।
जाता हुआ दिसंबर मुस्कुरा रहा है
“मै जा रहा हूँ लेकिन, फिर से मिलेंगे
नये जायके ले, नये सफर पे चलेंगे
नई सुबह कल गले आकर लगेगी
मुझसे भी ज्यादा उसे अपना बनाना
मैं आकर मिलूंगा, तो किस्से सुनाना”
खुश होकर के जीना
हँसना -हँसाना”
ये कह कर आगे बढ़ा जा रहा ।
नम आँखों और
मुस्कान से विदा किया तुझको
मैं शुक्रगुजार हूँ ऐ साल!
कि जी लिया तुझको।।
मीनू यतिन
Very nice chachi
Thank you
Beautiful Meenu bahut sundar likha hai 👌👌
Thanks Neetu.