गुज़ारिश
गुज़ारिश
प्यार ये कैसा?
प्यार ये है क्या?
क्या प्यार इसी को कहते हो ?
उसी चेहरे को जला देते हो
जिस पे इतना मरते हो।
उस पर हाथ उठता है कैसे?
प्यार जिसे तुम करते हो
ये प्यार नहीं हैं,
जिद है ये ,गुस्सा है
जिद खुद को बड़ा समझने की
इसां होकर भी,
खुद को खुदा समझने की ।
ये अहं है तुम्हारा क्या
किसी के जीवन से बड़ा ?
जो तुम चाहो वही वो चाहे
ऐसा तो जरुरी नहीं ।
प्यार के बदले प्यार मिले
ऐसा भी जरूरी नहीं ।
प्यार देता है, माँग नहीं करता है
जिद, जीत हार की होती नहीं ,
प्यार न जलाता है न जलता है
प्रतिशोध नहीं,सम्मान करता है।
अहं को सर न चढ़ाना तुम
उसका भी तो अपना मन है,
ना का भी तो मान करो ।
संस्कार मिले वो याद करो,
इसमें तुम्हारा भी मान है ,
अपनी मर्यादा का भान करो।
ग्लानि से जीवन,और मन भर जाए,
ऐसा ना कोई काम करो
प्यार को न बदनाम करो।
नारी का तुम सम्मान करो।
मीनू यतिन
Photo by lil artsy: https://www.pexels.com/photo/scary-young-woman-looking-at-camera-6079466/
Very nice Meenu
Thank you Neetu