नजर नहीं आते..!

रिश्तों की अदालत में हमेशा
दूसरा अपराधी होता है
बड़े करीबी रिश्तों के
गुनाह नजर नहीं आते ।
अपना ही दिल जब
दुश्मनी पे उतर आए
फिर, बेगुनाही के
गवाह नजर नहीं आते ।
किस बात पर किसे
मिलेगी सजा कितनी
अपनी पे आए तो वो
सलाहकार नजर नहीं आते ।
बटँती हैं रियासतें पुश्तैनी, तो
कई हिस्सेदार दिख जाते हैं
माँ बाप की जिम्मेदारी के
दावेदार नजर नहीं आते ।
उंगलियां उठाते हैं जो
दूसरों की करनी पे
उनको कभी अपने
किरदार नजर नहीं आते ।
मीनू यतिन
Awesome Meenu very true