माँ तो बस, माँ होती है…..
माँ तो बस, माँ होती है…..
कविताओं में ढालो
या तस्वीरों में दिखलाओ,
वो लफ्जों में भी
कहाँ बयाँ होती है
माँ तो बस, माँ होती है ।
उसका बस एक होना भी
काफी है दुनिया में
वो चली जाए तो
दुनिया बियावां होती है
माँ तो बस, माँ होती है ।
उसकी दुआएं हमेशा
साथ चलती हैं
वो हाथ जोडे़, के सजदे
में सिर झुकाए
उसके होठों पे मेरे वास्ते
हर पल दुआ होती है
माँ तो बस, माँ होती है ।
मैं बेफिक्र हूँ,खुद से
मुझे मालूम है इतना,
मुझसे ज्यादा मेरी फिक्र,
मेरी माँ को होती है
माँ तो बस ,माँ होती है।
माँ तो बस, माँ होती है।
मीनू यतिन