जवानी दीवानी

जवानी दीवानी
जवां है कि ना तू अपनी जवानी पे इतना गु़रूर कर
कि अब है यहां…. वहां किसने जाना है, न मगरूर कर
कि बिछड़ा है बचपन कई मील दूरी पे
दबे पाँव आई है जवानी ये तेरी
बिछड़ जाएगी यह भी धीरे से. धीमे से
न कर अपनी छोटी सी जिंदगी पर इतना सितम
कि ना बड़े की खबर है और ना छोटे की फिकर
बस दूर भाषण से और जाल भाषण से
टूटी है कमर अपने संगो के घर से
है तू बेखबर, क्या खो गया है रास्ते में
बस फंस गया है तू, अपने सपनों के बवंडर में
निकलना तो दूर… सोच पाएगा क्या…. कि ये दुनिया गलत है???
नवुडूरि कल्याणी
Very nice and practical
Thankyou
Awesome 👌
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