थोड़ा तुम सा….!
थोड़ा तुम सा….!
यार मुझे भी अपने जैसा बना दो
जैसे तुम हो वैसा बना दो
कुछ जीने का सलीका सिखा दो
कुछ बेफिक्री भी दे दो ना
कुछ तुम मेरी फिक्र मिटा दो
यार ,मुझे भी अपने जैसा बना दो ।
जैसे तुम हो वैसा बना दो।
मैं भी खेलृँ, मैं भी गाऊँ
मैं थोड़ा सा तुम बन जाँऊ
आओ अपना गीत सिखा दो
यार ,मुझे भी अपने जैसा बना दो।
जैसे तुम हो वैसा बना दो ।
परेशानियों से न घबराऊँ
दुश्वारियों से मैं लड़ पाऊँ
मेरा खुद में भरोसा जगा दो
यार ,मुझे भी अपने जैसा बना दो
जैसे तुम हो वैसा बना दो
कुछ जीने का सलीका सिखा दो ।
मीनू यतिन