अच्छी लड़की
अच्छी लड़की
अपनी हम उम्र लड़कियों की तरह
वो बिलकुल रह नहीं सकती
मुस्कुरा कर रह जाना
या मुंह दबा कर हँसना
जोर से खिलखिलाकर
वो हँस नहीं सकती
कहीं संगीत पैरों पर थाप जगा दे
झूम कर नाचने की
कदमों को आजादी नहीं
गीत कोई गुन गुना सकती है
पर गीत कोई गा नहीं सकती
नियम कानून उसके वास्ते
ये कर नहीं सकती,
वो कर नहीं सकती
सर्वगुण संपन्न होना चाहिए
जबान थमी सी
निगाहें नीची होनी चाहिए
न कोई चाह न अरमान
बस करना है वो जो कहा जाए
कुछ सपने हो तो
अपने घर जाना तो करना
जो तुम्हारा परिवार कहे वो करना
वो सब मान जाती है
पसंद हो या ना पसंद
हर बात सिर हिलाती है
बहुत कुछ टूटता है
मन ही मन
बहुत कुछ छूटता है
बिन जिए गुजर जाता है जीवन
इतना आसान नहीं होता
कितना कुछ चुप कर सह जाती है
तब कहीं, वो
अच्छी लड़की कहलाती है ।।
मीनू यतिन
Photo by Manjeet Singh Yadav: https://www.pexels.com/photo/woman-in-white-and-yellow-dress-with-scarf-1162983/
Very beautifully expressed 😇
Thank you 😊
बहुत ही सुंदर रचना
Thank you 😊
Amazing poem thank you for understanding a girl you are so thoughtful and lovely poetess
Thank you 😊