फ़र्क

फ़र्क
राज वो भी करते हैं अकसर
जिनके हिस्से में रियासत नहीं आती
मुझसे न पूछो कौन अच्छा है कौन बुरा
मुझे प्यार आता है सियासत नहीं आती।
ये भी एक दौर है गुजर जायेगा न गुमान कर
किसी के हिस्से ताउम्र शोहरत नहीं आती।
किसी के अश्क़ पोंछना, किसी को हँसा देना
मुझे इससे बेहतर इबादत नहीं आती ।
तू पूछता है मुझसे, कि फर्क है क्या हम में
तुम्हें इश्क़ नहीं आता हमें नफरत नहीं आती।
मीनू यतिन
Photo by Lukas Rodriguez: https://www.pexels.com/photo/man-standing-on-tree-branch-during-sunset-3618162/
Beautiful nice poem 😌
Thank you