जिंदगी
जिंदगी
टूटे हुए दिल से
अधूरे ख्वाबों से
छूटे हुए रिश्तों से
अधमरे वादों से
उबरोगे तो जानोगे
जिंदगी के मायने
कि असल से
जिंदगी क्या है !
चुभते हुए सवालों से
बेमतलब के शिकवों से
बेवजह के तानों से
वक्त बेवक्त पनपते तनावों से
निकलोगे तो जानोगे
जिंदगी के मायने
कि असल से
जिंदगी क्या है !
जिंदगी इन सब से ऊपर है
बहुत ऊपर
इतना ऊपर के कुछ भी ,
उसका पूरक नहीं,
एक बार को मिलती है
जी भर के मिलो
कोई कहता है क्या
उसे कभी भी
दिल पे न लो
बेवजह न जाया़ करो
इसको जी भर के जियो
जैसे जैसे हाथों से
छूटती जाती है
इसकी डोर ।
वैसे वैसे मन टटोलता है
कि कस कर पकड़ ले
इसका कोई कोना,
कोई छोर ।
तब समझ आता है
कि असल से जिंदगी क्या है।
मीनू यतिन