दूसरी पारी
ज़िन्दगी की इक नयी पारी,
मन शांत,पर वही जोश,
मेरी अधूरी ख्वाहिशें,
मेरे सारे वो प्यारे सपनें,
मेरी अपूर्ण लालसाएँ ।
by Prabhat Kumar Gupta · Published May 23, 2021 · Last modified January 3, 2022
ज़िन्दगी की इक नयी पारी,
मन शांत,पर वही जोश,
मेरी अधूरी ख्वाहिशें,
मेरे सारे वो प्यारे सपनें,
मेरी अपूर्ण लालसाएँ ।
by Prabhat Kumar Gupta · Published April 13, 2021 · Last modified January 3, 2022
वो अपराजिता का छोटा सा पौधा धीरे धीरे रेंगता ,लिपटता बरामदे के जंगलों में पूरी तरह फैल गया।
by Prabhat Kumar Gupta · Published April 12, 2021 · Last modified January 3, 2022
ये मीठी यादें मेरे जीवन को हरदम गुदगुदाएँगी,
बहुत याद आयेगी, बहुत बहुत याद आयेगी ।