बारिश की बूदों को महसूस किया चेहरे पे कभी लगा, मेरे चेहरे […]
मेरी कविता “ माँ तुम बहुत याद आती हो” उन सभी लोगों […]
While sitting beneath an arbor The creator’s eye touched the wharf ,
उदास चाँद,खामोश रात और मैं तुम्हारी याद ,तुम्हारी बात और मैं
तुम नदी हो तुम धारा हो, मंझधार तुम ही तुम ही किनारा […]
तुमसे मिला है तुमने दिया है मेरा मुझमें है ही क्या, शिव […]
They set a parameter and domain they want you to stay in
कहीं किसी की पलकों में पल रही है कहीं जन्म से ही […]