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सफ़र, प्यार और एक अधूरी दास्ताँ (Part 1)

प्यार कब, किससे हो जाए.. कहना मुश्किल है… प्यार में न जात देखी जाती और न बिरादरी.. प्यार तो दो दिलों का संगम है, जो दैहिक सुख से परे है..