Tagged: hindi poetry
बारिश की रात
हाथों में हाथ,
चल पड़े थे हम एक दूसरे के साथ,
बारिश की थी वो रात,
कहने आए थे तुम मुझे अपने दिल की बात,
आजकल जहां देखो वहां ‘मैं’ I
किसी से भी बात करो वहाँ ‘मैं’ I
मासूम है चेहरा उसका
आँखे भी बडी़ मासूम हैं
एक लड़की प्यारी प्यारी सी
आँखों में भरे काजल
बारिश की बूदों को
महसूस किया चेहरे पे कभी
लगा, मेरे चेहरे को छू गईं हों
हाथों में हाथ,
चल पड़े थे हम एक दूसरे के साथ,
बारिश की थी वो रात,
कहने आए थे तुम मुझे अपने दिल की बात,
ये किस चीज़ की है दौड़ ?
जो हमारे पास नहीं, पहले उसके पीछे दौड़,
हँसो मुस्कुराओ, जी खोलकर खिलखिलों,
इतना हँसो, की बैठे-बैठे ही गिर जाओ,
दो तरफा से प्यार कब
एक तरफा हुआ
पता ही नहीं चला।