प्रेम ही परमात्मा हैं ।
प्रेम शब्द न ही स्त्रीलिंग है, न ही पुलि्ंलग है। आत्मा में भी विभेद नहीं किया जा सकता है। जहाँ भेद दृष्टि है_ वहाँ प्रेम नहीं है-वासना है
by Sadguru Times · Published May 10, 2021 · Last modified June 27, 2021
प्रेम शब्द न ही स्त्रीलिंग है, न ही पुलि्ंलग है। आत्मा में भी विभेद नहीं किया जा सकता है। जहाँ भेद दृष्टि है_ वहाँ प्रेम नहीं है-वासना है
by Sadguru Times · Published April 14, 2021 · Last modified June 8, 2021
आप हर बार भोग भोगने के चक्कर में चूक जाते हैं | इस बार मन की न सुनकर गुरु की सुन लें | जीवन का रहस्य खुल जायेगा |
by Sadguru Times · Published April 13, 2021 · Last modified June 7, 2021
गुरु साक्षात् परमात्मा का स्वरूप होता है, इसलिए उसके महत्व का तो वर्णन ही नहीं हो सकता है |