Tagged: Sagar

आखिरी मंज़िल

“मुसाफिर तुम अकेले थोड़ी हो। हम सब मुसाफिर हैं इस दुनिया में। कभी न कभी सबको यहाँ से जाना हैं, चाहे कितना भी कमा लो।”