“शेरशाह” विक्रम बत्रा
एक सूरमा यूँ चला था,
अपनी परवरिश में यूँ ढला था,
जुनून सिर्फ़ हिंद का था,
फौजी इसलिए बन चला था।
by Dinesh Kumar Singh · Published August 27, 2021 · Last modified August 1, 2022
एक सूरमा यूँ चला था,
अपनी परवरिश में यूँ ढला था,
जुनून सिर्फ़ हिंद का था,
फौजी इसलिए बन चला था।