स्त्री हूँ मैं

#InternationalWomensDay2022
स्त्री हूँ मैं
ऐसी हूँ या वैसे हूँ
तुम क्या जानो मैं कैसी हूँ
तुम मेरी मत परिभाषा दो
मैं बस अपने जैसी हूँ
तुम मत मेरा गुण गान करो
तुम बस मेरा सम्मान करो
तुम मुझको मत सीमित रखो
बाधँ सकोगे न मुझको
सागर की गहराई हूँ
मैं हवा के जैसी हूँ
दुर्गा भी मैं ,राधा भी हूँ
बच्चे की पहली बोली मैं
भाई की कलाई का धागा हूँ
सेवा भाव मुझसे है
चाहे पुत्री हूँ या माता हूँ
आस्था है मुझसे
भक्ति भी मैं
सौंदर्य भी मैं ऐश्वर्य भी हूँ
शिव की शक्ति
नवरात्रि का पर्व भी हूँ
प्रकृति भी हूँ
ईश्वर की अनुपम कृति हूँ मैं
मुझे है गर्व कि स्त्री हूँ मैं ।।
मीनू यतिन
Photo by Samarth Singhai from Pexels
What a line ! These lines are touch reality and feelings and show exitance a woman in the world. Awesome
Thank you so much.